हितेन्द्र शर्मा, कुमारसैन
शिमला जिले के ऊपरी इलाकों में हुई ताजा बर्फबारी ने किसानों और बागवानों के चेहरों पर मुस्कान तो बिखेरी है, लेकिन इसके चलते कई क्षेत्रों में मुश्किलें भी खड़ी हो गई हैं। पर्यटन व्यवसायियों के लिए यह बर्फबारी किसी तोहफे से कम नहीं है, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में पर्यटक आकर्षित होने की संभावना है। वहीं, किसान और बागवान इसे सेब और अन्य फसलों के लिए लाभकारी मान रहे हैं।
हालांकि, भारी बर्फबारी के कारण कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। राष्ट्रीय उच्च मार्ग-05 पर शिमला से रामपुर की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग नारकंडा के पास अवरुद्ध हो गया है। सड़कें फिसलन भरी होने के कारण वाहनों के स्किड होने की घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर शिमला और रामपुर की ओर जाने वाले यातायात को बसंतपुर-किगल और लुहरी-सुन्नी मार्ग से डायवर्ट कर दिया है।
नारकंडा और इसके आसपास की पहाड़ियों पर भारी बर्फबारी दर्ज की गई है। पर्यटकों के लिए यह दृश्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, लेकिन स्थानीय निवासियों और यात्रियों को आने-जाने में मुश्किलें हो रही हैं। बर्फबारी का सिलसिला अभी भी जारी है, जिससे मार्ग खोलने के प्रयासों में बाधा आ रही है।
प्रशासन ने जनता से आग्रह किया है कि अत्यधिक आवश्यक होने पर ही यात्रा करें। बर्फबारी के दौरान सड़कों पर अत्यधिक फिसलन होने के कारण वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है। प्रशासन द्वारा मार्ग को साफ करने और आवागमन बहाल करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
नारकंडा और शिमला में हुई ताजा बर्फबारी ने पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे खिला दिए हैं। सर्दियों में बर्फबारी देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। होटल व्यवसायियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पर्यटन गतिविधियों में तेजी आएगी।
किसानों और बागवानों ने भी इस बर्फबारी को सकारात्मक बताया है। उनका कहना है कि बर्फबारी से मिट्टी में नमी बनी रहती है, जो सेब के बागानों और अन्य फसलों के लिए बेहद लाभदायक है। शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में हुई ताजा बर्फबारी ने जहां प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाया है, वहीं इससे जुड़ी चुनौतियां भी सामने आई हैं। प्रशासन का कहना है कि मार्ग बहाल करने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं और जनता से संयम व सावधानी बरतने की अपील की गई है।