Saturday, January 4, 2025
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नारकंडा, कुमारसैन और आसपास के क्षेत्रों में बर्फबारी से ठंड ने दी दस्तक, किसानों और पर्यटन उद्योग में खुशी की लहर

हितेन्द्र शर्मा, कुमारसैन

शिमला और इसके ऊपरी क्षेत्रों में सोमवार से शुरू हुई बारिश और बर्फबारी ने पूरे क्षेत्र को कड़ाके की ठंड की चपेट में ले लिया है। नारकंडा, कुमारसैन, ठियोग और आसपास के इलाकों में भारी बर्फबारी के बाद पूरा अप्पर शिमला सफेद चादर में लिपट गया है। लंबे समय से बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे किसानों और बागवानों ने राहत की सांस ली है।

🔹️ किसानों और बागवानों को राहत

लंबे समय से बारिश और बर्फबारी की प्रतीक्षा कर रहे बागवानों के लिए यह बर्फबारी किसी वरदान से कम नहीं है। किसानों का मानना है कि यह बर्फबारी उनकी फसलों और बगीचों के लिए अत्यधिक लाभदायक साबित होगी। बर्फबारी के कारण जमीन में नमी बढ़ने से अब सेब बागवान अपने रुके हुए कार्य जैसे तोलिया बनाना, बगीचों की सफाई और देखभाल को फिर से शुरू कर सकेंगे।

इसके अलावा, क्षेत्रीय जंगलों में आग लगने की आशंकाएं भी कम हो गई हैं, जो पर्यावरण और स्थानीय वनस्पतियों के लिए सकारात्मक संकेत है। बर्फबारी और बारिश से आगामी सेब सीजन के लिए बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है।

🔹️ पर्यटन उद्योग को बढ़ावा

नारकंडा और ठियोग के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी ने स्थानीय पर्यटन उद्योग को भी संजीवनी दी है। हाटू और देरठु की चोटियों पर मोटी बर्फ की चादर बिछ गई है, जिसने इन क्षेत्रों को पर्यटन के केंद्र में बदल दिया है। नारकंडा के प्रसिद्ध स्की स्लोप धोमड़ी में बर्फ की मोटी परत जमने के बाद बड़ी संख्या में पर्यटकों का यहां रुख करने की उम्मीद हैं।

स्थानीय होटल व्यवसायियों के अनुसार, बर्फबारी से इस सीजन में पर्यटन गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि ने होटल और परिवहन व्यवसायियों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है।

🔹️ यातायात प्रभावित, प्रशासन सतर्क

बर्फबारी के चलते रामपुर से शिमला जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-05 नारकण्डा के समीप यातायात बाधित हो गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सभी वाहनों को वाया बसंतपुर-सुन्नी होते हुए शिमला भेजने के निर्देश जारी किए हैं।

सड़कों पर जमी बर्फ और फिसलन के कारण यात्रा जोखिम भरी हो सकती है। प्रशासन ने सड़कों को साफ करने और फिसलन को रोकने के लिए नमक और रेत डालने का काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा, स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अपील की गई है कि वे सतर्कता बरतें, गाड़ियों की गति धीमी रखें और यातायात नियमों का सख्ती से पालन करें।

मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और अधिक बर्फबारी की संभावना व्यक्त की है। प्रशासन ने पर्यटकों को सलाह दी है कि वे अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े और जरूरी सामान रखें।

🔹️ अर्थव्यवस्था को संजीवनी

इस बर्फबारी ने क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी एक नई ऊर्जा दी है। किसानों को जहां इस बर्फबारी से राहत मिली है, वहीं पर्यटन गतिविधियों में बढ़ोतरी ने स्थानीय व्यापारियों, होटल और परिवहन व्यवसायियों को उम्मीद से भर दिया है। बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से स्थानीय बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है।

🔹️ प्राकृतिक सुंदरता और लाभकारी मौसम

नारकंडा, कुमारसैन और शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी ने प्राकृतिक सुंदरता को और भी निखार दिया है। यह बर्फबारी किसानों और बागवानों के लिए जितनी लाभकारी है, उतनी ही पर्यटन उद्योग और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है।

🔹️ प्रशासन की अपील

स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे बर्फबारी के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें। वाहन धीमी गति में चलाएं, सड़कों पर फिसलन से बचने के लिए सतर्क रहें और मौसम की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करें।

शिमला और इसके आसपास के क्षेत्रों में बर्फबारी ने ठंड को बढ़ा दिया है, लेकिन इसने किसानों, बागवानों और पर्यटन उद्योग के लिए नई उम्मीदें भी पैदा की हैं। यह बर्फबारी न केवल प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का अवसर है, बल्कि क्षेत्रीय कृषि, बागवानी और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है।

— हितेन्द्र शर्मा, कुमारसैन

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