हितेन्द्र शर्मा, कुमारसैन
शिमला, नारकंडा और ठियोग के ऊपरी क्षेत्रों में वर्ष 2024 की पहली हल्की बर्फबारी हुई है। इससे जहां स्थानीय बागवानों को राहत मिली है, वहीं पर्यटन क्षेत्र में भी रौनक लौटने लगी है। हिमाचल के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में मौसम और बर्फबारी का सीधा असर कृषि और आर्थिकी पर पड़ता है। ऐसे में बागवान अब बारिश और भारी बर्फबारी की उम्मीद कर रहे हैं, जो उनके फसलों के लिए बेहद लाभदायक होगी।
बर्फबारी ने न केवल सेब उत्पादन क्षेत्र को संजीवनी दी है, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बन गई है। बड़ी संख्या में पर्यटक अब इन बर्फीले इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि, सड़कों पर जमी बर्फ और फिसलन के कारण यात्रा के दौरान सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। प्रशासन ने सड़कों को साफ करने और सुरक्षित बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है।
शुरुआती बर्फबारी के कारण वाहनों के फिसलने और दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस दिशा में लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित यात्रा करने की सलाह दी है। सड़क किनारे फिसलन रोकने के लिए नमक और रेत बिछाई जा रही है, साथ ही मौसम की पल-पल की जानकारी साझा की जा रही है।
पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे वाहन चलाते समय सतर्क रहें, गति नियंत्रित रखें और यातायात नियमों का सख्ती से पालन करें। बर्फबारी ने न केवल ठंड का अहसास बढ़ा दिया है, बल्कि स्थानीय होटल व्यवसायियों और पर्यटन उद्योग को भी नई उम्मीदें दी हैं। ठंड के इस मौसम में शिमला का सौंदर्य अपने चरम पर है और बर्फ की सफेद चादर ओढ़े पहाड़ सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।